Sunday, November 20, 2011

एक नेता की फरियाद /



आता है याद मुझको गुज़रा हुआ ज़माना ,वो पार्टी के चंदे वो मिल के सब का खाना //

वो आश्रम के भोजन वो सैर मोटरों की /फूलों में लद के आना फूलों में लद के जाना //

लगती है चोट दिल पर आता है याद जिस दम /वो देवियों में मिलकर भारत के गीत गाना //

भारत पुजारिनो को बुलवा के आश्रम में /चरखे की शरण लेकर तकले के गुण बताना //

1 comment:

MERE KUCH KALAM,APKE NAMM!