Friday, November 25, 2011

मोहब्बत




तेरे हर नाम से मोहब्बत है हमे /तेरे पैगाम से मोहब्बत है हमें /


ज़िक्र होता हो जिस जबाँ से तेरे ,उस जबाँ से  मोहब्बत है हमें /


मैं मोहब्बत का आदमी हूँ /मोहब्बत से मोहब्बत है हमें /


हर चेहरे में दिखा सिर्फ एक ही चेहरा ,अब हर चेहरे से मोहब्बत है हमें /


देख लिया अपनों से मोहब्बत का सिला ,अब तो गैरों से भी मोहब्बत है हमें /


अब तो आईने में सजने -सवरने लगा हूँ /न जाने किस बात से मोहब्बत है हमें /


किसी की रहमतों का असर है शायद ,दुनिया की हर बात से मोहब्बत है हमें /

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MERE KUCH KALAM,APKE NAMM!